Sunday, May 24, 2020
जीवन धारा
जय श्री गणेश
मानवता के मूल्यों को पाने हेतु मानव धर्म को धारण करना पड़ता है,
यहाँ सदाचार के सत्य पर तप व् योग की गरिमा को स्थापित करना होता है
शोक दुःख क्लेश व् विविद स्वरुप गलानि जीवन धारा के ही अंग है,
इन सभी के मध्य से स्वयं को सत्य की गरिमा से निकाल लाने पर है जीव मानव मूल्यों को पता है,
मार्ग कठिन है पर असंभव नहीं
परमात्मा सभी पर कृपा करे
कृपया धन्यवाद