Sat Guru

Sat Guru
Bhagwan Shiv

Friday, August 12, 2011

भगवान् शिव

शिवोहम शिवोहम शिवोहम
भगवान् शिव भक्तो के बड़े ही प्रेमी है भक्त वत्सल है कल्याण कारी भगवान् शिव
चांदी के पर्वत के सामान श्वेत कांतिमाय शिव सभी के कारण भूत है
रत्नमय अलंकारो से उज्जवल देह धारी शिव सभी के कल्याण हेतु अग्रसर रहते है
समस्त पापो का नाश करने वाले भगवान् शिव सहज से शरणागत को दिव्या गति प्रदान करते है
पंचमुखी त्रिनेत्रधारी भगवान शिव जीव को मोह पास से सहज ही मुक्ति प्रदान करते है
मन की शन्ति प्रत्येक जीव की परम अभिलाषा रहती है ओर भगवन शिव मन व् आत्मा की शांति के परम कारण भूत है
मेघावी मनुष्य शिवशरणागति पाकर मन को नियत रूप से सवारते है जो कर्म को सत्य मय कर आत्मा हेतु कल्याण कारी सिद्ध होता है
जो मन जागते हुए मनुष्य से बहुत दूर चला जाता है वह शिव कृपा से सुषिमं अवस्था में पुन हृदये के मूल में सिमित जाता है जो आत्मा के आत्म आनंद का कारण बनता है
भगवान् शिव की महिमा अपरम्पार है शिव शरणागति स्वयं सिद्ध है

परमात्मा सभी पर अपनी दया बरसाए

कृपया धन्यवाद