Sat Guru

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Bhagwan Shiv

Wednesday, May 23, 2018

शिव संकल्प

Jai Sri Ganesha,
रे मन
इच्छा, संकल्प , चिंतन व् क्रिया तो स्वयं ब्रह्म  ने प्रगट कर जीव को धन्य  किया है

पर सात्विक इच्छा, विशुद्ध संकल्प, आत्म चिंतन व् दिव्य क्रियाएं ही जीव को धन्य बनती है,

रे मन
सदा सर्वदा ही ऐसी प्रार्थना कर के ये मन शिव संकल्प से युक्त रहे,

संकल्प मन का धर्म है जो इसको गति प्रदान करने में सहायक है

रे मन
इच्छा व् संकल्प एक दूसरे के पूरक है इनमे सत्य की युक्ति परम आवश्यक है,

जहा संकल्प है वहा चिंतन व् क्रिया भी होगी और यदि यह सब शिव चरणों के निमित है तो आत्मा का कल्याण सुनिश्चित जाने,

May lord bless all,

Thanks please