Sat Guru

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Bhagwan Shiv

Wednesday, May 2, 2018

यह जीवन किसी के बस में नहीं

Jai Sri Ganesha,
रे मन
यहाँ सभी जीव अपने अपने पूर्व काल की रचना से ग्रसित वर्तमान की ओर आशा से देख रहे है

यधपि कठिनाई अधिक है तब पर भी आशा को सजोये आगे बढ़ रहे है

रे मन

तू भी अन्य जीवो की भाती सब दुख भूल कर अपने आप ही स्वयं को सँभालने का प्रयास कर

न तो तू अपने दुखो के लिए किसी और को दोष दे सकता है न ही परमात्मा के न्याय को,

रे मन

यह जीवन किसी के बस में नहीं-यह माया की कृति  है -जिसका भेद कठिन है

यहाँ सब एक अदृश्य शक्ति के अधीन है अतार्थ निराशा व्यर्थ है समय कठिन भले ही हो पर परमात्मा की और आस लगाए रहना

May Lord Bless all,

Thanks Please