Wednesday, October 1, 2008
श्री माँ ब्रह्मचारिणी
देवी भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी है। अतार्थ तपस्या - तप का आचरण करने वाली उमा भगवती कल्याणी - इसी कारण श्री माँ को ब्रह्मचारिणी के नाम से जाना गया- परम कल्याण माया दातार है श्री माँ, सदा ही कल्याण का स्वरुप संजोये भगतो पर कृपा बनती है श्री माँ -
श्री माँ ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है जो दर्शन मात्र से भगतो की पीरा हर लेता है इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है
तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारणीम्
ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणींप्रणमाम्यहम्_
नवचग्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्
धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्_
शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी
शांतिदामानदाब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्_
Today is second day of Sri Sri Navratras, known for being the day of divine mother Sri Sri Brhamacharini ji, legend of austerity on the subject of life, blissful and compassionate all the way to bless the devotees at its most for their ultimate welfare in life here and here after too.
Praying on this day makes one to attain the wisdom of austerity with all ease.
Glory of mother is infinite and infinite the results of blessing from the lotus feet of divine mother, those adore the lotus feet with all faith and submission are really great.
Obeisances to the lotus feet of Sri Sri mother Brhamacharini ji
May lord bless all.
Thanks please.
श्री माँ ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यन्त भव्य है जो दर्शन मात्र से भगतो की पीरा हर लेता है इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बायें हाथ में कमंडल रहता है
तपश्चारिणीत्वंहितापत्रयनिवारणीम्
ब्रह्मरूपधराब्रह्मचारिणींप्रणमाम्यहम्_
नवचग्रभेदनी त्वंहिनवऐश्वर्यप्रदायनीम्
धनदासुखदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्_
शंकरप्रियात्वंहिभुक्ति-मुक्ति दायिनी
शांतिदामानदाब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्_
Today is second day of Sri Sri Navratras, known for being the day of divine mother Sri Sri Brhamacharini ji, legend of austerity on the subject of life, blissful and compassionate all the way to bless the devotees at its most for their ultimate welfare in life here and here after too.
Praying on this day makes one to attain the wisdom of austerity with all ease.
Glory of mother is infinite and infinite the results of blessing from the lotus feet of divine mother, those adore the lotus feet with all faith and submission are really great.
Obeisances to the lotus feet of Sri Sri mother Brhamacharini ji
May lord bless all.
Thanks please.