२१ जून योग दिवस के रूप में मनाया जाता है
योग मानव जीवन हेतु परम साधन व् सेतु है
मानव जीवन में स्वाथ्य सर्वोपरि माना जाता है योग शरीर को पुष्ट रखने की कला ही नहीं अपितु चित की वृतियो को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है
योग जीवन में अचार विचार को विशुद्ध करने में भी सहायक होता है
योग मन की गति को नियमित करने में सहायक होता है
योग ज्ञान व् कर्म इन्द्रियों को अनुकूल रूप से प्रभावित कर जीवन को सत्य की और प्रेरित करता है
योग जीव व् ब्रह्म के मध्य सेतु का कार्य करता है
योग सकारात्मक ऊर्जा का परम साधन है
योग मात्र योगाभ्यास ही नहीं प्रकृति के बंधन से सहज मुक्ति का साधन भी है
सभी को परमात्मा की कृपा प्राप्त हो
धन्यवाद