Sat Guru

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Bhagwan Shiv

Sunday, April 10, 2011

श्री माँ कालरात्रि

आज परम पावन चैत्र नवरात्रे का सातवा दिन जो श्री माँ कालरात्रि की पूजा के रूप में जाना जाता है माँ का स्वरुप दुष्ट हृदये जीवो को भयभीत करने वाला व् निर्मल मन जीवो की सब प्रकार से रक्षा करने हेतु परम सिद्ध है , माँ काल रात्रि की पूजा के साथ ही जीवन के पूर्ण कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो जाता है साधक श्री माँ के चरणों की उपासना कर अक्षय पुण्य को प्राप्त करते है
श्री माँ कृपा से दानव देत्य राक्षश भूत प्रेत भक्त से बहुत दूर भाग जाते है और इन से जनित बाधा सहज ही दूर हो जाती है श्री माँ सहज ही गृह जनित बाधाये सहजता से दूर करती है सांसारिक भय श्री माँ कृपा से भक्त के समीप नहीं आते, उपासक बाहरी व् भितिरी भय से सदेव ही स्वयं को मुक्त पते है, भय की नाशक है श्री माँ काल रात्रि-परम शुभकारी है श्री माँ काल रात्रि, भक्तो को सुख देने वाली श्री माँ सदा ही भक्तो के कल्याण को सुनिश्चित करती है
श्री माँ के चरणों में बारम्बार प्रणाम
श्री माँ चंडिका देवी को प्रणाम ॐ नमः शिवाय

Today is seventh most auspicious day of chaitra Navratrey known for the worship of divine mother sri sri Kaal Ratri, remover of pain and fear from life. Fear is like slow poison that follows the life in many form and disrupt the pace of life but the blessing of divine mother make it escape from the orbit of life; mother divine is compassionate beyond measure and bestower of wishes one keeps at heart in true spirit.

I pay homage to the divine mother, embodiment of reverence and faith, without which even the adept cannot perceive God enshrined in their heart; obeisance to you mother.

I pay homage to the divine mother, remover of pains, agonies and suffering, giver of teachings to host of demons, dispeller of fear that pains beyond measure; obeisance to you mother.

I pay homage to the divine mother, who is responsible for creation, sustenance and dissolution, removes afflictions and begets all blessings; obeisance to you mother.

May lord bless all.

Thanks please