Sat Guru

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Bhagwan Shiv

Wednesday, March 6, 2019

पीपल

हरे कृष्णा
पीपल एक देव वृक्ष है जो सदा ही सभी जीवो पर अपनी असीम कृपा बनता है

यह एक सर्वज्ञात सुलभ व् बिना किसी अतिरिक्त पोषण के स्वयं ही विशालकाय रूप धारण कर लेता है

हिन्दू संस्कृति में यह एक परम पूज्य वृक्ष है जो मानव के कल्याण हेतु  अदतृतिय सत्य है

यह विशाल काया वृक्ष जीव पृथ्वी का सुन्दर गहना तो है ही पर यह प्रकृति को सजाने में भी अहम है

पर्यावरण संतुलन हेतु एक विशेष सेतु है जो बहुत प्रकार से वायु जल व् मृदा के पुष्टिकरण  अभियान में विशेष योग  दान प्रदान करता है

इसके पत्ते जो बहुत ही सुन्दर व्  सुशिल  है विविद  जीवो का भोजन, औषधि , शुद्धिकरण व् अन्य कई प्रकार से जीवन की सहायता करते है

पितर पूजन हेतु यह बृक्ष वरदान सामान है

देव गुरु ब्रहस्पताचार्य का यह एक दिव्या स्वरुप भी है

शिव कृपा का धाम है पीपल

विष्णु माया का एक स्तम्भ है  पीपल

सभी देवो  का वास पीपल में सदैव सुनिश्चित रहता है

सोमवती  अमावस्या पर्व पर इसकी पूजा का विशेष महत्व है

राहु केतु शनि व् मंगल गृह दोष निवारण हेतु यह एक सुगम साधन है

नियमित पीपल पूजा पूजा से समस्त रोग निवारण होते है

शनि दोष निवारण  हेतु यह एक तीर्थ है

राहु व् केतु दोष निवारण हेतु पीपल पूजा सिद्ध मानी  गई है

काल सर्प दोष निवारण हेतु पीपल पूजा की विशेष भूमिका है

गुरु दोष निवारण में पीपल पूजा अचूक योग है

आत्म तत्व व् भागवत प्राप्ति हेतु यह एक दिव्य सूत्र है

दिव्य आत्माओं का वास पीपल में होया है जो जिव के सभी मनोरथ पूर्ण कर सकती है

प्रातः काल पीपल में जल अर्पण एक भक्ति  पथ है जो स्वयं ही जिव की सब प्रकार की दरिद्रता को दूर कर देता है

साय काल पीपल पर दीप  दान एक दिव्य योग है जो जीव को आत्म साक्षात्कार की ओर ले जाता है

पीपल से समीप असंख्य जिव रहते है वह जल की व्यवस्था करना व् उनके भोजन हेतु  साधन करना एक शुभ कर्म है

पीपल के समीप ध्यान व् योग आदि परम प्राप्ति के अपार साधन है

पीपल के वृक्ष को लगाना परम पुण्य है जो असंख्य पापो का नाश कर देता है व् मानव के परम कल्याण की रचना करता है

हरे कृष्णा