ॐ नमः शिवाय
यह संसार एक सनातन सत्य है जिसके कारण कारणाय शिव है
यह एक वृक्ष के सामान जिसका आश्रय प्रकृति है
दो फलो से युक्त यह वृक्ष जिनका सत्य सुख व् दुःख है
इसमें चार रसो का समावेश है जो अर्थ धर्म काम व् मोक्ष सूचक है
जिसे पाने के पांच सन्दर्भ है स्रोत्र त्वचा नेत्र रसना व् नासिका
जो छह स्वभाव युक्त है पैदा होना रहना बढ़ना बदलना घटना व् नष्ट होना
इस वृक्ष की छाल सप्त धातुओं से समन्वित है रास रुधिर मॉस मेद अस्थि मज्जा व् शुक्र
इस वृक्ष की आठ शाखाये है पांच महाभूत व् मन बुद्धि अहंकार व् नव खोडर द्वार है
प्राण अपान व्यान उदान समान नाग कूर्म देवदत्त व् धनञ्जय इस वृक्ष के पत्ते है
इस वृक्ष पर दो पक्षी का स्वराज्य है, एक जीव दूसरा ब्रह्म, एक दृष्टि व् एक द्रष्टा
गहन परिपक्ष से जीव इस सत्य को पा कर धन्य हो सकता है
ॐ नमः शिवाय