Tuesday, July 14, 2020
परमात्मा
जय श्री गणेश
अपने अहंकार के वशीभूत समझा परमात्मा मेरा है
मानव जीवन जो स्वयं में एक प्रकाश है
उस जीवन के अंधकार में जब एक रौशनी की किरण चाही
तो घोर अन्धकार ही मिला
स्वयं से असमंजस स्वयं में हैरान व् परेशान थम गई गति
तब समय ने ढहर कर स्प्रष्ट किया
परमात्मा किसी का नहीं
अपितु सब परमात्मा के है
इस भेद को समझने का प्रयास करो
अंधकार में ही आशा की किरण मिलेगी
परमात्मा सभी पर कृपा करे
कृपया धन्यवाद