Wednesday, April 21, 2021

अंतकाल रघुपति पुर जाहीं

 जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं 

सुख संपति नाना बिधि पावहिं

सुर दुर्लभ सुख करि जग माहीं 
अंतकाल रघुपति पुर जाहीं